Monday, 19 August 2019

सिंधु घाटी सभ्यता का भौगोलिक विस्तार, स्वरुप, सभ्यता के साक्ष्य

sindhu ghati sabhyata, indus valley civilisation

सैन्धव सभ्यता का भौगोलिक विस्तार उत्तर में कश्मीर (मांडा) से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी तक तथा पश्चिम में सुतकागेंडोर से लेकर पूर्व में आलमगीरपुर (मेरठ) तक था।

1. आरंभिक हड़प्पा सभ्यता (3500 ई. पू. - 2350 ई. पू.)
2. परिपक्व हड़प्पा सभ्यता (2350 ई. पू. - 1750 ई. पू.)
3. उत्तर हड़प्पा सभ्यता। ( 1750 ई. पू. से आगे)

सैन्धव सभ्यता का स्वरुप
सैन्धव सभ्यता एक विस्तृत भू- भाग पर फैली थी जिसमे सिंध, पंजाब था घग्घर नदी के क्षेत्र प्रमुख थे।अधिकांश सैन्धव बस्तियां इसी क्षेत्र में थी।इन क्षेत्रों में समरूपता पाई जाती है। सभ्यता का स्वरुप पूर्णतः विकसित व नगरीय थी। व्यवसाय, परिवहन के साधन, पशुपालन, तकनीकी तथा उत्पादन प्रडाली इस सभ्यता का उन्नतता के परिचायक है।

आरंभिक सैन्धव सभ्यता के साक्ष्य (स्थान - पुरातात्विक साक्ष्य)

  • कोटदीजी - काँसे की चूड़ियां, बाँडाग्र, नगर के चारो ओर अति विशाल सुरक्षात्मक दीवार के अवशेष
  • रहमानढेरी - आयताकार नगर एवं नियोजित ढंग से बने मकान, सड़के, नालियों के अवशेष मुहरे
  • मेहरगढ़ - लाजवर्द मणि
  • रान्दाघुंडई - चित्रयुक्त बर्तन, कुबड़ वाले बैल, चित्र वाले बर्तन।


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