पर्यटकों को गोवा जैसा आनंद देगा गंगरेल डैम
समुद्र के किनारे की रेत पर लगीं छतरियां, टेबल-कुर्सियां, लहरों पर झूमते मोटरबोट, दूर-दूर तक पानी ही पानी। इस नजारे का आनंद लेने के लिए अब आपको गोवा जाने की जरूरत नहीं है। प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गंगरेल बांध के दूसरे किनारे पर अब आपको यह सब कुछ मिल जाएगा। यहां गोवा की तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। यहां वाटर स्पोर्ट्स का रोमांच सैलानियों को इस कदर बांध देता है कि वे जल्द ही दोबारा आने की इच्छा लेकर ही यहां से जाते हैं।
जिला मुख्यालय धमतरी से 12 किलोमीटर दूर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा बांध स्थित है। पं. रविशंकर शुक्ल जलाशय यानी गंगरेल बांध चारों तरफ से प्राकृतिक छटाओं से घिरा हुआ है। इसलिए यहां हर साल हजारों सैलानी आते हैं।
मनोरम नजारा व प्राकृतिक सौंदर्य देखने प्रदेश, देश सहित विदेश से भी सैलानी यहां पहुंचते हैं। गंगरेल बांध की इस खूबसूरती पर चार चांद लगाने वन विभाग व गंगरेल पर्यटन विकास समिति ने मानव निर्मित एडवेंचर कैंप तैयार किया है, जहां का आनंद व रोमांच सैलानियों को गोवा के समुद्र तट सा अनुभव देता है।
गंगरेल बांध के दूसरे किनारे पर करीब चार किमी दूर घने जंगल व पहाड़ी के बीच बने इस स्थान पर खड़े होने पर चारों ओर गंगरेल बांध का पानी और रेत वाला तट समुद्र जैसा नजर आता है। उड़ान मानव एडवेंचर द्वारा यहां विशेष पैकेज में यह सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
क्या-क्या सुविधाएं
- उड़ान मानव एडवेंचर की ओर से सैलानियों के लिए यहां आकर्षक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। बांध के किनारे रेत बिछा हुआ है। रात रुकने के लिए टेंट लगे हैं। बैठने के लिए गोवा की तर्ज पर रेत के ऊपर कुर्सी-टेबल व छतरी लगे हैं।
- पैकेज में एडवेंचर स्पोर्ट्स, गंगरेल दर्शन, वाटर स्पोर्ट्स आदि हैं। बांध के अंतिम छोर पर जंगल के बीच डेढ़ किलोमीटर दूरी पर नंदी देवी मंदिर है, जहां ट्रेकिंग की सुविधा है।
- स्पीड बोट, स्मोकलिंग की सुविधा है। कमर तक पानी में वालीबॉल खेलने के लिए नेट लगाया गया है। नहाने के लिए लाइफ जैकेट की सुविधा मुहैया कराई जाती है। मानव एडवेंचर में जीपलाइनिंग, कमांडो नेट, रोप लाइनिंग समेत 12 प्रकार के मनोरंजन की व्यवस्था है
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