भारत ने विश्व सीनियर बैडमिंटन प्रतियोगिता में 21 पदक जीते
भारत ने विश्व सीनियर बैडमिंटन प्रतियोगिता में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण पदक, चार रजत पदक और 16 कांस्य पदक सहित कुल 21 पदक जीत लिये.
सनावे थामस और रूपेश कुमार की जोड़ी ने हमवतन वी दीजू और जेबीएस विद्याधर की जोड़ी को पुरुष वर्ग मुकाबले में हराकर स्वर्ण पदक जीता. फाइनल में 21-12 और 17-21 के स्कोर के बाद निर्णायक गेम में दीजू और विद्याधर 9-7 से आगे थे कि तभी दीजू को घुटने में चोट लगी और इसके बाद आगे खेल नहीं हो पाया.
लुईस हैमिल्टन ने सिंगापुर ग्रां प्री का खिताब जीता
दीजू और विद्याधर को मैच छोडऩा पड़ा और जिससे सनावे और रूपेश ने स्वर्ण पदक जीत लिया. दोनों जोड़यिों के लिए विश्व चैंपियनशिप में यह पहला पदक था. श्रीकांत बक्शी और नवदीप भसह ने पुरुष 45 प्लस वर्ग में, केए अनीश ने 40 प्लस पुरुष एकल में और बसंत कुमार ने 55 प्लस पुरुष एकल में रजत पदक जीते. ओलंपियन निखिल कानितकर ने कांस्य पदक जीता.
विश्व बैडमिंटन संघ:
विश्व बैडमिंटन संघ (बीडब्ल्युएफ) बैडमिंटन के खेल के प्रबंधन के लिये अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसे अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी से मान्यता प्राप्त है. इसकी स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी. बीडब्ल्युएफ क्षेत्रीय संघों के साथ मिलकर विश्व में बैडमिंटन के खेल के प्रचार-प्रसार के लिये कार्य करता है. बीडब्ल्युएफ विश्व वरीयता और बीडब्ल्युएफ विश्व कनिष्ठ वरीयता के माध्यम से खिलाड़ियों का स्तर व ताकत मापी जाती है.
EmoticonEmoticon