9. कुरु (Kuru)
उत्तर वैदिक साहित्य में इस जनपद के पर्याप्त विवरण प्राप्त होते हैं। इसके थानेश्वर (हरियाणा राज्य में) दिल्ली और मेरठ का क्षेत्र सम्मिलित थे। इसकी राजधानी इन्द्रप्रस्थ (हस्तिनापुर) थी।
10. पंचाल (Panchal)
यह जनपद उत्तर वैदिक काल में ही प्रसिद्ध था। इसमें वर्तमान रूबेलखंड और उसके समीप के कुछ जिले सम्मिलित थे। इसके दो भाग थे – उत्तरी पंचाल और दक्षिणी पंचाल। उत्तरी पंचाल की राजधानी अहिच्छत्र और दक्षिणी पंचाल की राजधानी काम्पिल्य थी। मूलतः यह जनपद एक राजतंत्र था लेकिन संभवतः कौटिल्य के काल में यहाँ गणतंत्रीय शासन व्यवस्था हो गयी।
11. मत्स्य (Matsya)
इस जनपद में आधुनिक राजस्थान राज्य के जयपुर और अलवर जिले शामिल थे। विराट नगर संभवतः इसकी राजधानी थी। सम्भवतः यह जनपद कभी चेदि राज्य के अधीन रहा था।
12. शूरसेन (Shursen)
मथुरा और उसके आसपास के क्षेत्र इस जनपद में शामिल थे। आधुनिक मथुरा नगर ही इसकी राजधानी था। बौद्ध ग्रन्थों में अयन्तिपुत्र शूरसेन राज्य का उल्लेख मिलता है। वह बौद्ध धर्म का अनुयायी और संरक्षक था।
13. अस्सक या अस्मक (Assak)
यह राज्य गोदावरी नदी के किनारे पर स्थित था। पाटेन अथवा पोटन इसकी राजधानी थी। पुराणों के अनुसार इस महाजनपद के शासक इक्ष्वाकु वंश के थे। जातक कथाओं में भी इस जनपद के अनेक राजाओं के नामों की जानकारी मिलती है।
14. अवन्ति (Avanti)
अवंति राजतंत्र में लगभग उज्जैन प्रदेश और उसके आसपास के जिले थे। पुराणों के अनुसार पुणिक नामक सेनापति ने यदुवंशीय वीतिहोत्र नामक शासक की हत्या करके अपने पुत्र प्रद्योत को अवन्ति की गद्दी पर बैठाया। इसके अंतिम शासक नन्दवर्धन को मगध के शासक शिशुनाग ने पराजित किया और इसे अपने साम्राज्य का अंग बना लिया। यह महाजनपद दो भागों में विभाजित था। उत्तरी भाग की राजधानी उज्जयिनी और दक्षिणी भाग की राजधानी महिष्मति थी।
15. कम्बोज (Kamboj)
यह राज्य गांधार के पड़ोस में था। कश्मीर के कुछ भाग जैसे राजोरी और हजार जिले इसमें शामिल थे। संभवतः राजपुर या हाटक इसकी राजधानी थी।
16. गांधार (Gandhar)
इस जनपद में वर्तमान पेशावर, रावलपिण्डी और कुछ कश्मीर का भाग भी शामिल था। तक्षशिला इसकी राजधानी थी। गांधार का राजा पुमकुसाटी गौतम बुद्ध और बिम्बिसार का समकालीन था। उसने अवंति के राजा प्रद्योत से कई युद्ध किए और उसे पराजित किया। इसकी राजधानी विद्या का केंद्र था। देश-विदेश से विद्यार्थी यहाँ शिक्षा प्राप्त करने आते थे।
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