ऋग्वेद में आर्यों के निवास स्थल के लिए “सप्त सैंधवतः” शब्द का उल्लेख किया गया है।सप्त सैंधव प्रदेश में 7 नदीयों का संगम था ।जहाँ आर्य सबसे पहले आकर बसे थे। सात नदीयों के नाम इस प्रकार हैं- सिंधु, सरस्वती, वितस्ता(झेलम), अस्किनी(चिनाब)(चंद्रभागा), परुष्णी(इरावदी/रावी), शतुद्री(सतलज), विपासा(व्यास)।
ब्रह्मावर्त क्षेत्र- सतलज नदी से लेकर यमुना नदी का क्षेत्र था । यह क्षेत्र प्राचीन भारत का महत्वपूर्ण क्षेत्र था। यह ऋग्वैदिक काल का केन्द्रीय स्थल था।
ब्रह्मर्षि देश- गंगा -यमुना का दोआब ।
भरत जन सरस्वती तथा यमुना नदी के बीच के क्षेत्र में निवास करता था।
ऋग्वेद में समुद्रों की जानकारी नहीं है। लेकिन फिर भी कुछ शब्द -परावत(वृहद जलराशी) जैसे शब्दों से पता लगाया जा सकता है कि समुद्र भी थे। विंध्य पर्वत तथा सतपुङा की जानकारी नहीं है। ऋग्वेद में केवल एक ही क्षेत्र का उल्लेख है और वह क्षेत्र है-गांधार -यह भेङ की उत्तम ऊन के लिए प्रसिद्ध है। ऋग्वैदिक आर्य कई पर्वतों के नामों से भी जानकार थे-हिमनंत (हिमालय), मूजवंत (हिन्दुकुश)- यहां से सोम नामक पौधे की प्राप्ति हुईथी।,आर्जीक, सुषोम, शर्मनावत, शिलामंत। ऋग्वेद में 42 नदीयों का उल्लेख किया गया है , लेकिन 19 नदीयों के ही नाम मिलते हैं।
सरस्वती नदी- सरस्वती नदी सबसे पवित्र नदी मानी गई है। इसके तट पर वैदिक मंत्रों की रचना की गई थी। इसे नदियों में अग्रवर्ती,नदीयों की माता, वाणी,बुद्धि तथा संगीत की देवी कहा गया है। इस नदी को नदीत्तमा भी कहा जाता है। यह नदी ऐसी अदभुत नदी है जो एक स्थान पर दिखती है, तो दूसरे स्थान पर अदृश्य हो जाती है।
सिंधु नदी- ऋग्वेद की दूसरी प्रमुख नदी थी। इसके अन्य नाम भी हैं जैसे-सुषोमा(सुषोम पर्वत से निकलती है), हिरण्ययनी(इस नदी व्यापारिक गतिविधियाँ होती थी।),ऊर्णावती (इसके माध्यम से ऊन का व्यापार होता था।)
सिंधु नदी की 4 सहायक नदीयाँ हैं जो सिंधु नदी में पश्चिम दिशा से पूर्व दिशा में मिलती हैं-
- क्रुमु(कुर्रम)
- कुभा(काबुल)
- गोमती(गोमल)
- सुवास्तु(स्वात)
सिंधु नदी की 5 सहायक नदीयाँ जो सिंधु नदी में पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा में मिलती हैं-
- वितस्ता(झेलम)
- अस्किनी(चिनाब)(चंद्रभागा)
- परुष्णी(इरावदी/रावी)-पुरुष्णी नदी के किनारे दशराज युद्ध हुआ था।
- शतुद्री(सतलज)
- विपासा(व्यास) – विपासा नदी के किनारे इंद्र ने उषा देवी के रथ को चकनाचूर किया था।
ऋग्वेद में उल्लेखित अन्य नदीयों के नाम- दृष्द्वती, अपाया, यमुना(3बार उल्लेख),गंगा(1 बार उल्लेख), सरयु,राका, रांसी, अनुमति,अशुनिति।
EmoticonEmoticon