राज्य में अब तक 24 पद्मश्री व तीन पद्म विभूषण
युवा प्रदेश में 2018 तक प्रतिभाओं को 24 पद्मश्री और तीन पद्मभूषण से नवाजा जा चुका है। सम्मान प्राप्त उन प्रबुद्घजनों को नमन है, जिन्होंने प्रदेश को शीर्ष तक पहुंचाया। उनकी उपलब्धि से प्रदेश अलंकृत हो गया।
अविभाजित मध्यप्रदेश में मिले थे पांच पद्मश्री
सन् 1976 में पंडित मुकुटधर पाण्डेय को शिक्षा एवं साहित्य में पद्मश्री का सफरनामा शुरू हुआ। फिर हबीब तनीर साहब की कला का पद्मश्री अवार्ड मूरिद हुआ। पद्मश्री की बराय आगे बढ़ी और प्रदेश की लोककलाकार तीजन बाई तक पद्मश्री आ पहुंचा। सफरनामा खत्म नहीं हुआ समाजिक कार्य के लिए राजमोहिनी देवी को पद्मश्री से नवाजा गया। समाज कार्य में प्रदेश को देश में अपना दम खम जारी रखा और धरमपाल सैनी को पद्मश्री दिया गया। यहां तक था अविभाजित मध्यप्रदेश में मिले पद्मश्री अवार्ड की दास्तां।
सन् 1976 में पंडित मुकुटधर पाण्डेय को शिक्षा एवं साहित्य में पद्मश्री का सफरनामा शुरू हुआ। फिर हबीब तनीर साहब की कला का पद्मश्री अवार्ड मूरिद हुआ। पद्मश्री की बराय आगे बढ़ी और प्रदेश की लोककलाकार तीजन बाई तक पद्मश्री आ पहुंचा। सफरनामा खत्म नहीं हुआ समाजिक कार्य के लिए राजमोहिनी देवी को पद्मश्री से नवाजा गया। समाज कार्य में प्रदेश को देश में अपना दम खम जारी रखा और धरमपाल सैनी को पद्मश्री दिया गया। यहां तक था अविभाजित मध्यप्रदेश में मिले पद्मश्री अवार्ड की दास्तां।
नए प्रदेश बनने के बाद मिले 19 पद्मश्री
सन् 2004 में नए प्रदेश बनने के बाद चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. अरुण त्रयम्बक दाबके को दिया गया। फिर सन् 2006 को छोड़ लगातार प्रदेश के बुद्घजनों को पद्मश्री से नवाजा जाने लगा। 2018 तक प्रदेश में अभिवाजित मध्यप्रदेश के समय के पांच और नए प्रदेश छत्तीसगढ़ के 19 पद्मश्री मिल चुके हैं।
सन् 2004 में नए प्रदेश बनने के बाद चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. अरुण त्रयम्बक दाबके को दिया गया। फिर सन् 2006 को छोड़ लगातार प्रदेश के बुद्घजनों को पद्मश्री से नवाजा जाने लगा। 2018 तक प्रदेश में अभिवाजित मध्यप्रदेश के समय के पांच और नए प्रदेश छत्तीसगढ़ के 19 पद्मश्री मिल चुके हैं।
पद्मश्री की सूची
- सन् 1976 पंडित मुकुटधर पाण्डेय - शिक्षा एवं साहित्य
- सन् 1983 हबीब तनवीर कला जगत
- सन् 1987 तीजन बाई कला जगत
- सन् 1989 राजमोहिनी देवी समाजिक कार्य
- सन् 1992 धरमपाल सैनी समाजिक कार्य
- सन् 2004 डॉ. अरुण त्रयम्बक दाबके चिकित्सा क्षेत्र
- सन् 2005 डॉ. पुनाराम निषाद कला जगत
- मेहरुन्निशा परवेज शिक्षा एवं साहित्य
- सन् 2007 डॉ. महादेव प्रसाद पाण्डेय शिक्षा एवं साहित्य
- सन् 2008 जॉन मार्टिन नेल्सन कला जगत
- सन् 2009 गोविंद राम निर्मलकर कला जगत
- सन् 2010 डॉ. सुरेन्द्र दुबे शिक्षा एवं साहित्य
- सन् 2011 डॉ. पुखराज बाफना चिकित्सा
- सन् 2012 शमशाद बेगम सामाजिक कार्य
- फुलबासन बाई यादव सामाजिक कार्य
- सन् 2013 स्वामी जी सी डी भारती (भारती बंधु) कला जगत
- सन् 2014 अनुज शर्मा (रामानुज) कला जगत
- सन् 2015 सबा अंजुम खेल जगत
- शेखर सेन कला जगत
- सन् 2016 ममता चंद्राकर कला जगत
- सन् 2017 अरुण शर्मा पुरात्व
- सन् 2018 पं. श्यामलाल चतुर्वेदी साहित्य एवं शिक्षा
- दामोदर गणेश बापट समाज कार्य
पद्मभूषण से नवाजे गए प्रदेश के बुद्घजन
- हबीब तनवीर
कला जगत
सन् 2002
हबीब तनवीर नाट्य मंचन के ऐसे कलाकार और निर्देशक थे, जो हर नाटक को गांव-गावं से लेकर देश के बड़े से बड़े मंच तक पहुंचाए। उनकी निर्देशन में बहुत से रंगकर्मी आज अभिनय में परचम लहरा रहे हैं।
सन् 2002
हबीब तनवीर नाट्य मंचन के ऐसे कलाकार और निर्देशक थे, जो हर नाटक को गांव-गावं से लेकर देश के बड़े से बड़े मंच तक पहुंचाए। उनकी निर्देशन में बहुत से रंगकर्मी आज अभिनय में परचम लहरा रहे हैं।
- तीजन बाई
कला जगत
सन् 2003
पंडवानी गायक तीजन बाई की आवाज देश-विदेश में गूंजती रहती है। उनकी आवाज और कला को 2003 में पद्मभूषण से नवाजा गया।
सन् 2003
पंडवानी गायक तीजन बाई की आवाज देश-विदेश में गूंजती रहती है। उनकी आवाज और कला को 2003 में पद्मभूषण से नवाजा गया।
- सत्यदेव दुबे
सन् 2011
कला एवं रंगमंच
सत्यदेव के रंगमंच से प्रदेशवासी रू-ब-रू हैं। उनके निर्देशन में कई कहानियों को रंगकर्मीयों ने मंच पर संजोया।
कला एवं रंगमंच
सत्यदेव के रंगमंच से प्रदेशवासी रू-ब-रू हैं। उनके निर्देशन में कई कहानियों को रंगकर्मीयों ने मंच पर संजोया।
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