Sunday, 8 July 2018

दीपा करमाकर जिम्नास्टिक विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं

दीपा करमाकर जिम्नास्टिक विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं

Dipa karmakar Gymnastics World challenge cup

भारत की प्रसिद्ध जिम्नास्टिक महिला खिलाड़ी दीपा करमाकर ने 8 जुलाई 2018 को जिम्नास्टिक विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा. यह विश्व कप तुर्की में वर्ल्ड चैलेंज कप के नाम से आयोजित किया गया.

दीपा ने जिमनास्टिक की वॉल्ट स्पर्धा में 14.150 अंक के साथ पहला स्थान हासिल किया. लगभग दो साल के बाद वापसी करने वाली स्टार जिमनास्ट दीपा करमाकर ने यह उपलब्धि हासिल की.

मुख्य बिंदु

•    त्रिपुरा की 24 वर्षीय जिमनास्ट दीपा करमाकर ने 14.150 अंकों के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा किया जबकि क्वॉलिफिकेशन राउंड में वो 13.400 अंकों के साथ टॉप पर थी. 

•    यह वर्ल्ड चैलेंज कप में दीपा का पहला मेडल है. 

•    दीपा ने बैलेंस टीम इवेंट के फाइनल में भी जगह बनाई थी लेकिन क्वॉलिफिकेशन राउंड में वो 11.850 अंकों के साथ तीसरे पायदान पर रहीं.

•    गौरतलब है कि रियो ओलंपिक में वॉल्ट स्पर्धा में वे चौथे स्थान पर रही थीं.

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

पुरुषों की रंग्स स्पर्धा के फाइनल्स में राकेश पात्रा मेडल हासिल करने से चूक गये. वह 13.650 के स्कोर से चौथे स्थान पर रहे. मेजबान देश के इब्राहिम कोलाक ने 15.100 स्कोर से गोल्ड जबकि रोमानिया के आंद्रेई वासिले (14.600) ने सिल्वर और नीदरलैंड के यूरी वान गेल्डर (14.300) ने ब्रॉन्ज मेडल जीता. वर्ल्ड चैलेंज कप सीरीज अंतरराष्ट्रीय जिम्नास्टिक्स महासंघ के कैलेंडर में महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है. इस साल विश्व चैलेंज सीरीज में छह स्पर्धाएं हैं और यह सत्र का चौथा चरण है. दीपा और राकेश दोनों को आगामी एशियाई खेलों के लिये चुनी 10 सदस्यीय भारतीय जिम्नास्टिक्स टीम में शामिल किया गया है.

दीपा करमाकर के बारे में स्मरणीय तथ्य

•    दीपा करमाकर का जन्म 09 अगस्त 1993 को त्रिपुरा में हुआ. वे एक कलात्मक जिम्नास्ट हैं जिन्होंने 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया. 

•    ओलंपिक में भाग लेने वाली वे पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं और पिछले 52 वर्षों में ऐसा करने वाली वे प्रथम भारतीय जिम्नास्ट हैं.

•    ओलम्पिक में उन्होंने फाइनल में अपनी जगह बनाई और फाइनल में भी वह मामूली से अंतर (0.150) से कांस्य पदक पाने से चूक गईं और चौथे स्थान पर रहीं.

•    उन्होंने अति कठिन माने जाने वाले प्रोदुनोवा वॉल्ट का सफल प्रदर्शन किया जिसे आज तक विश्व में गिनती की कुछ जिम्नास्ट ही सफलतापूर्वक पूरा कर सकी हैं.

•    वर्ष 2007 से दीपा ने राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगभग 80 पदक जीते हैं जिनमें से 68 स्वर्ण पदक हैं.


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