प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भिलाई इस्पात संयत्र देश को समर्पित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जून 2018 को भिलाई इस्पात संयंत्र आधुनिकीकरण परियोजना को राष्ट्र के नाम समर्पित किया. इसके अलावा उन्होंने आईआईटी भिलाई का शिलान्याश भी कियाs. इससे पहले नया रायपुर में नागरिक सेवाओं के लिए एकीकृत कमाण्ड एवं नियंत्रण केन्द्र का भी लोकार्पण प्रधानमंत्री द्वारा किया गया.
प्रधानमंत्री इससे पहले 9 मई 2015, 21 फरवरी 2016, राज्योत्सव के अवसर पर 01 नवम्बर 2016 और अम्बेडकर जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल 2018 को प्रदेश के दौरे पर आ चुके हैं.
भिलाई इस्पात संयंत्र की विशेषताएं
• यह कारखाना राष्ट्र में रेल की पटरियों और भारी इस्पात प्लेटों का एकमात्र निर्माता तथा संरचनाओं का प्रमुख उत्पादक है.
• यह देश में 260 मीटर की रेल की सबसे लम्बी पटरियों के एकमात्र आपूर्तिकर्ता है.
• इस कारखाने की वार्षिक उत्पादन क्षमता 31 लाख 53 हजार टन विक्रेय इस्पात की है.
• यह कारखाना वायर रॉड तथा मर्चेन्ट उत्पाद जैसे विशेष सामान भी तैयार कर रहा है.
• भिलाई इस्पात कारखाना आईएसओ 9001:2000 गुणवत्ता प्रबन्धन प्रणाली से पंजीकृत है. अतः इसके सभी विक्रेय इस्पात आईएसओ की परिधि में आते हैं.
• यह देश का ऐसा एकमात्र इस्पात कारखाना है जिसे इन सभी क्षेत्रों में प्रमाणपत्र मिला है. कारखाने को सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने के लिए एसए: 8000 प्रमाणपत्र और व्यावसायिक स्वास्थ्य तथा सुरक्षा के लिए ओएचएसएएस-18001प्रमाणपत्र भी प्राप्त है.
पर्यावरण प्रबंधन
पूरे कारखाने और इस्पात नगरी व डल्ली खानों में आईएसओ-14001 प्रमाणीकरण लागू किया गया है. कारखाने ने धमन भट्टियों में पर्यावरण समर्थक कोल डस्ट इंजेक्शन प्रणाली और दूसरी इकाइयों में धूलरोधक और इलैक्ट्रोस्टेटिक प्रीसिपिटेटर लगाए हैं. इसके अतिरिक्त गैस में कमी के लिए वातावरण साफ करने की प्रणाली भी कार्य कर रही है. इस्पात कारखाने में ओजोन कम करने वाले सीटीसी को हटाने के लिए भी कार्य शुरू किया है. यह कार्य संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से किया जा रहा है. कारखाने में 2007-08 के दौरान जल उपभोग 3.04 घन मीटर प्रति टन कच्चा इस्पात था, जो देश में सबसे कम है.
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अन्य घोषणाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन्द्र सरकार की ‘उड़ान’ योजना के रायपुर से जगदलपुर तक यात्री विमान सेवा का शिलान्यास भी किया. इस विमान सेवा के शुभारंभ के साथ ही प्रदेश का आदिवासी बहुल बस्तर संभाग देश के हवाई यातायात के मानचित्र में शामिल हो गया. प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, स्टैण्डअप और मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, मुख्यमंत्री आबादी पट्टा वितरण योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और राज्य सरकार की ई-रिक्शा वितरण योजना के तहत प्रतीक स्वरूप कुछ हितग्राहियों को प्रमाण पत्र, चेक और सामग्री आदि का भी वितरण किया गया.
EmoticonEmoticon