बस्तर के जंगलों में एेसे सेलिब्रेट करते हैं फ्रेंडशिप डे,जान देकर निभाते है दोस्ती
फ्रेंडशिप डे को न्यू जेनरेशन मस्ती और मजे के साथ सेलिब्रेट करती है, लेकिन कम ही लोगों को मालूम होगा कि इस दिन को बस्तर के आदिवासी कई सालों से मनाते आ रहे हैं। अपनी दोस्ती को मजबूत रखने, जहां न्यू जेनरेशन फ्रेंडशिप बैंड बांधकर फ्रेंडशिप डे सेलिब्रेट करते हैं। वहीं छत्तीसगढ़ के हार्डकोर नक्सल प्रभावित इलाके बस्तर में आदिवासी लड़के-लड़कियां भगवान के सामने दोस्ती को निभाने का वादा करते हैं और जान देकर भी दोस्ती निभाते हैं।
ऐसे सेलिब्रेट करते हैं फ्रेंडशिप डे...
- बस्तर में मितान बदने के नाम से जानी जाने वाली परंपरा पुराने समय से चली आ रही है।
- ये परंपरा उड़ीसा के आदिवासी इलाके में भी मनाई जाती है। जिसमें लड़का और लड़की भगवान के सामने आपस में तुलसी के पत्तों को एक्सचेंज करते हैं और जिंदगी भर फ्रेंडशिप निभाने का वादा करते हैं।
- खास बात ये है कि यहां के लोग दोस्त को अपनी जान से भी ज्यादा अहमियत देते हैं। इस परंपरा को बालीफूल, भोजली, मीत, मितान, महाप्रसाद, तुलसी और दिवना नामों से भी जाना जाता है।
- वहीं लड़के-लड़कियां भी भोजली और बाली नाम के फूल को फ्रेंडशिप बैंड की तरह बांधते है। इसके बाद आपस में गाने बजाकर मस्ती की जाती है।
source : dainikbhaskar
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