मंच पर उतरी बस्तर की रंग-बिरंगी संस्कृति, डंडे पर चढ़कर यूं आए कलाकार
स्वतंत्रता दिवस की पावन वेला पर सुबह 9 बजे ध्वजारोहण किया गया। इसके बाद मंच पर बस्तर और सरगुजा की रंग-बिरंगी संस्कृति ने प्रदेश की खूबसूरती की बयां किया। एक ओर बस्तर नृत्य के जरिए कलाकार गेड़ी पर चढ़कर आए और 10 मिनट तक जबरदस्त परफॉर्मेंस देकर समां बांध दिया। वहीं सरगुजा नृत्य में वहां के पर्यटन की झलकी देखने को मिली।
जानिए कैसा था आजादी के इस सेलिब्रेशन का माहौल…
- धमतरी, जगदलपुर, अंबिकापुर, कोरबा, कोरिया, दंतेवाड़ा समेत सभी जिलों में ध्वजारोहण के बाद संस्कृति कार्यक्रमों ने लोगों का ध्यान खींचा।
- केसरिया, सफेद और हरे रंग के गुब्बारे आसमान में उड़ाए गए। छत्तीसगढ़ी नृत्य में बस्तर नृत्य, अरसा पैरी, सरगुजा नाट्य ने लोगों को यहां की रंग-बिरंगी संस्कृति से रूबरू कराया।
- हाय डारा लोर गे हे रे, बैठे हैं जिरैया डारा लोर गेहे रे गानों ने स्थानीय संस्कृति की मधुर मिठास घोल दी।
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