Thursday, 16 February 2017

मल्हार - बिलासपुर जिले के पर्यटन, पुरातात्विक स्थल

Malhar-Bilaspur-district-tourism-archaeological

मल्हार - बिलासपुर जिले के पर्यटन, पुरातात्विक स्थल

मल्हार (ऐतिहासिक, पुरातात्विक एव धार्मिक एव प्राचीन राजधानी) यह स्थान बिलासपुर के दक्षिण पश्चिम में बिलासपुर से रायगढ जाने वाले सडक मार्ग पर मस्तूरी से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  यहा सागर विश्वविद्यालय एवं पुरातत्व विभाग द्वारा उत्तखनन कार्यों से इस स्थल की प्राचीनता एवं यहा के प्राचीन वैभवशाली संस्कृति और इतिहास की जानकारी प्राप्त हुई है जिससे यहा ताम्र पाषाण काल से लेकर मध्यकाल तक का क्रमबद्ध इतिहास प्रमाणित हुआ है
  • कलचुरी पृथ्वी देव द्वितीय के शिलालेख ने इसका प्राचीन नाम मल्लाल दिया गया है। 1167 ईसवी का अन्य कलचुरी शिलालेख इसका नाम मल्लापट्टन प्रदर्शित करता हैं. प्रो के डी वाजपेई एबं डॉ. एस के. पांडेय के अनुसार मल्लाल संभवतः मल्लारी  से बना है, जो भगवान शिव की एक संज्ञा थी।
  • पुराणों में मल्लासुर नामक एक असुर का नाम मिलता है जिसके नाशक शिव को मल्लारी कहा गया है।  प्राचीन छत्तीसगढ अंचल में शिव पूजा के पर्याप्त प्रमाण उपलब्ध ही चुके है, छत्तीसगढ का मल्लालपत्तन तीन नदियों से घिरा हुआ था।  पश्चिम में अरपा, पूर्व में लीलागर एव दक्षिण में शिवनाथ। 
  • कलचुरी शासकों से पहले  इस क्षेत्र में कई अभिलेखों में शरभपुर राजवंश के शासन का उल्लेख मिलता है अत: खननकर्ता प्रो के डी वाजपेई एबं डॉ. एस के. पांडेय इसे ही प्राचीन राजधानी शरभपुर मानते हैं बाद के शासनकाल में मल्लारी से मल्लाल फिर  आधुनिक नाम मल्हार हो गया।  

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