गोंड जनजाति से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
गोंड जनजाति से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

- मुख्य सम्पर्क बोल : गोंडी
- सबसे बडी जनजाति : गोंड़
- गोंड़ को उत्पत्ति : कोंड शब्द से
- गोंड़ जाति किस मूल के हैं : द्रविडियन
- इनका मोटे अनाज से बना पेय : पेज
- मुख्य गहना : पीतल, मोती, मूंगा आदि के आभूषण
- अमर श्रृंगारिक गहना : गोदना
- गोंडों के ममेरे-फुफेरे भाई बहनों जो विवाह को कहते हैं : दूध लौटावा
- प्रमुख विवाह : विधवा, वधु मूल्य , चढ़ एवम पठउनी विवाह प्रचलित है।
- आजीविका के साधन : कृषि , वनोपज संग्रह, पशुपालन, मुर्गीपालन, एवं मजदूरी
- प्रमुख देवता : बूढादेव , सुरजदेव, नारायणदेव, एवं बस्तर अंचल में दन्तेश्वरी देवी की पूजा
- प्रमुख त्यौहार : करमा, नवाखाई, बिदरी, बकपंथी, ज़वारा, मड़ई, हरदिली एवं घेरता आदि
- प्रमुख नृत्य : सैला, करमा, बिरहा, भडोनी, कहरवा, सुआ, गेडी, अजनी आदि
- घरों की दीवारों का अलंकरण : नोहडोरा
- निवासी जिले : सम्पूर्ण राज्य
- गोंडों की देवगढ शाखा ने चांदा सहित विदर्भ क्षेत्र में शासन किया : 1250 से 1751 ईं तक
- अंतिम गोड राजा जिसे मराठों ने हराकर कैद जिया : नरहरशाह
- गोडों के उपजाति : 02 (राजगोंड एवं खटोलिया)
- गोडी भाषा का व्याकरण छपा : 1890 में
- महत्वपूर्ण वृक्ष : महुआ
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